Ramadan 2021 – Roza Kin Cheezon Se Toot Ta Hai ? – रोज़ा किन चीज़ों से टूट ता है|

अल्हम्दुलिल्लाह Ramadan 2021 की आमद है। आज हम बात करेंगे की Roza Kin Cheezon Se Toot ta Hai हमने नीचे कुछ मसले लिए है कि रोज़ा किन चीज़ों से टूट ता है इसके क्या वजाहत हो सकती है|

Roza Kin Cheezon Se Toot ta Hai Umes jo cheezein hai aur kis tarha se roz toot ta hai uske bare me hm masle dekhenge. Roza Kin Cheezon Se Toot ta Hai ye zyadatar logo ko pta ni hota aur wo apne roze ramadan me kharab kar lete hai. Ramadan 2021 barkat wala mahina hai aur ye allah ki tarag se tohfa hai

Kafi log ye sawal karte hai ki roza kin cheezon se toot ta hai aur unko jawab ni mil pata. Yahan hamne jitne bhi masle likhe hai wo sab hawale ke sath likhe gaye hai taki apko maloom ho sake – Roza Kin Cheezon Se Toot ta Hai

Roza kin cheezon se toot ta hai iske bare me sabhi musalmano ko pta hona zaruri hao. Ramadan 2021 ka mahina hai aur ye allah ki taraf se momino ke liye tohfa hai. Bahut cheezein esi hoti hai jinke bare hame maloom ni hota. Isliye ye topic ham lekar aayaein hai khas apke liye ki Roza kin cheezon se toot ta hai.

Agar apko nahi pta ke Roza kin cheezon se toot ta hai , iske liye aap ye article pura padhein. Tabhi apko clear hoga ke Roza kin cheezon se toot ta hai.

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Roza Kin Cheezon Se Toot Ta Hai ?- रोज़ा किन चीज़ों से टूट ता है | Ramadan 2021

मसअला :- खाने, पीने या हमबिस्तरी करने से रोज़ा जाता रहता है जबके रोज़ादार होना याद हो |
(बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- हुक़्क़ा, सिगार, सिगरेट, चुरुट, वगैरह पीने से भी रोज़ा जाता रहता है, अगरचे अपने ख्याल में हलक़ तक धुँआ न पहुँचता हो | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- पान या सिर्फ तम्बाकू को खाने से भी रोज़ा जाता रहेगा अगरचे बारबार इसकी पीक थूकते रहें, क्योंकि हलक़ में इसके बारीक़ अज्ज़ा ज़रूर पहुचंते हैं | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

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मसअला :- शकर वगैरह ऐसी चीज़ें जो मुँह में रखने से घुल जाती हैं मुँह में रखी और थूक निगल गए रोज़ा जाता रहा | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- दांतों के दरमियान कोई चीज़ चने के बराबर या ज़्यादा थी उसे खा गए या कम ही थी मगर मुँह से निकाल कर फिर खाली तो रोज़ा टूट गया | (दुर्रे मुख्तार)

मसअला :- दांतो से खून निकल कर हलक़ से नीचे उतरा और खून थूक से ज़्यादा या बाबर या कम था मगर उसका मज़ा हलक़ में महसूस हुआ तो रोज़ा जाता रहा और अगर कम था और मज़ा भी हलक़ में महसूस न हुआ तो रोज़ा न गया | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- रोज़ा याद रहने के बावजूद हुकना लिया यानि किसी दवा की बत्ती या पिचकारी पीछे के मक़ाम में चढ़ाना या नाक के नथनों से दवा चढ़ाई रोज़ा जाता रहा | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- कुल्ली कर रहे थे बिला क़्सद यानि बगैर इरादे के पानी हलक़ से उतर गया या नाक में पानी चढ़ाया और दिमाग को चढ़ गया रोज़ा जाता रहा मगर जबके रोज़ादार होना भूल गया हो तो न टूटेगा अगर क़सदन यानि जानबूझ कर हो यूँही रोज़ेदार की तरफ किसी ने कोई चीज़ फेंकी वो उसके हलक़ में चली गई तो रोज़ा जाता रहा | (आलम गिरी, क़ानूने शरीअत)

मसअला :- सोते में यानि नींद की हालत में पानी पी लिया या कुछ खा लिया, या मुँह खुला था, पानी का क़तरा या बारिश का ओला हलक़ में चला गया तो रोज़ा जाता रहा | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- दुसरे का थूक निगल लिया या अपना ही थूक हाथ में लेकर निगल लिया तो रोज़ा जाता रहा | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- जब तक थूक या बलगम या मुँह के अंदर मौजूद हो उसे निगल जाने से रोज़ा नहीं जाता बारबार थूकते रहना ज़रूरी नहीं |

मसअला :- मुँह में रंगीन डोरा वगैरह रखा जिससे थूक रंगीन हो गया फिर थूक निगल लिया रोज़ा जाता रहा | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- आँसूं मुँह में चला गया और निगल लिया, अगर क़तरा दो क़तरा है तो रोज़ा न गया और ज़्यादा था के उसकी नमकीनी पूरे मुँह में महसूस हुई तो रोज़ा जाता रहा, पसीने का भी यही हुक्म है | (क़ानूने शरीअत)

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मसअला :- पखाने का मक़ाम बाहर निकल पड़ा तो हुक्म है के कपड़े से खूब पोंछकर उठे के तरी बिलकुल बाक़ी न रहे और अगर कुछ पानी उसपर बाक़ी था और खड़ा हो गया के पानी अंदर चला गया तो रोज़ा फ़ासिद यानि टूट गया इसी वजह से फुक़हाए किराम फरमाते हैं के रोज़ादार इस्तंजा यानि पानी से पाकी हासिल करने में सांस न ले | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

Roza Kin Cheezon Se Toot ta Haiउलटी आने से रोज़ा कब टूटता है? उलटी (Vomiting) के 7 एहकाम

Ulti (Vomiting) agar roze ki haalat me to usme kai surat e haal ho sakta hai. Roza Kin Cheezon Se Toot Ta Hai isme Vomiting ki surat e haal ka bataya gya hai.

मुस्तफा सलल्लाहु अलैहि वसल्लम Roza Kin Cheezon Se Toot Ta Hai :- जिसको माहे रमजान में खुद बखुद कै यानि अपने आप उलटी आए तो उसका रोज़ा न टूटा और जिसने नाज भूझकर उलटी की उसका रोज़ा टूट गया |

मसाला :- जिसको खुद बखुद अपने आप उलटी आयी उसपर क़ज़ा नहीं और जिसने जान भूझकर उलटी की वो रोज़े की क़ज़ा करे | (तिर्मिज़ी जिल्द दो)

मसअला :- रोज़े में खुद बखुद कितनी ही कै यानि (उलटी वोमिटिंग) हो जाए ख़्वाह बाल्टी ही क्यों न भर जाए इससे रोज़ा नहीं टूटता | (दुर्रे मुख़्तार)

मसअला :- अगर ज़्यादा होने के बा वजूद क़सदन यानि जान बूझकर कै यानि उलटी की और अगर वो मुँह भर है मुँह भर की तारीफ आगे आती है तो अब रोज़ा टूट जाएगा | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- क़सदन यानि जान बूझकर मुँह भर होने वाली उलटी से भी इस सूरत में रोज़ा टूटेगा जबके उलटी में खाना या पानी या सफ़रा यानि कड़वा पानी या खून आए | (आलम गिरी)

मसअला :- अगर मुँह भर उलटी में सिर्फ बलगम निकला तो रोज़ा नहीं टूटेगा | (दुर्रे मुख़्तार)

मसअला :- क़स्दन यानि जान बूझकर उलटी की मगर तोड़ी सी आयी, मुँह भर न आयी तो अब भी रोज़ा न टूटा | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- उलटी मुँह भर से कम हुई और मुँह ही से दोबारा ही लौट गई या खुद ही लौटा दि इन सूरतों में रोज़ा न टूटेगा | (क़ानूने शरीअत)

मसअला :- मुँह भर उलटी बिला इख़्तियार हो गई तो रोज़ा न टूटा अलबत्ता इस मे से एक चने बराबर भी वापस लौटादि तो रोज़ा टूट जाएगा और एक चने से कम हो तो रोज़ा न टूटा | (दुर्रे मुख़्तार)

मुँह भर उलटी की तारीफ :- मुँह भर कै यानि उलटी के माना ये हैं उसे बिला तकल्लुफ न रोका जा सके | (आलम गिरी)

मसअला :- वुज़ू की हालत में जान बूझकर उलटी करें या खुद बखुद हो जाए दोनों सूरतों में अगर मुँह भर उलटी आयी और इसमें खाना, पानी या सफ़रा यानि कड़वा पानी आया तो वुज़ू टूट जाएगा | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- अगर बलगम की मुँह भर के उलटी हुई तो वुज़ू नहीं टूटेगा |
मसअला :- मसला बहते खून की उलटी वुज़ू तोड़ देती है |
मसअला :- रोज़े में दांत उखड़ वाया और खून निकल कर हलक़ से नीचे उतरा, अगरचे सोते में ऐसा हुआ तो उस रोज़े की क़ज़ा वाजिब है | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- औरत का बोसा लिया या छुआ या मुबाशिरत की या गले लगाया और इंज़ाल हो गया तो रोज़ा जाता रहा और औरत ने मर्द को छुआ और मर्द को इंज़ाल हो गया तो रोज़ा न गया | औरत को कपड़े के ऊपर से छुआ और कपड़ा इतना दबीज़ हो के बदन की गर्मी महसूस नहीं होती तो फ़ासिद न हुआ अगरचे इंज़ाल हो गया | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- औरत ने पेशाब के मक़ाम में रुई का कपड़ा रखा और बिलकुल बाहर न रहा, रोज़ा जाता रहा और खुश्क ऊँगली पाखाना के मक़ाम में रखी या औरत ने शर्म गाह में तो रोज़ा न गया और भीगी थी या इस पर कुछ लगा था तो रोज़ा जाता रहा बशर्त ये के पाखाना के मक़ाम में उस जगह रखी हो जहां अमल देते वक़्त हुकना का सर रखते हैं | (दुर्रे मुख़्तार)

मसअला :- मर्द ने पेशाब के सूराख में पानी या तेल डाला तो रोज़ा न गया, अगरचे मसाना तक पहुंच गया हो और औरत ने शर्म गाह में टपकाया तो जाता रहा | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- डोरा बटा उसे तर करने के लिए मुँह पर गुज़ारा फिर दोबारा सेहबारा यानि तीसरी बार यूंही किया रोज़ा न जाएगा मगर जबके डोरे से कुछ रतूबत जुदा होकर मुँह में रही और थूक निगल लिया तो रोज़ा जाता रहा | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल)

मसअला :- रमजान शरीफ के महीने में जो बिला उज़्र खाए पीए तो हुक्म है के उसे बाद शाहे इस्लाम उसे क़त्ल करदे | (बहारे शरीअत जिल्द अव्वल, दुर्रे मुख़्तार, क़ानूने शरीअत)

Jaisa ki apne padha aur smjha ke Roza kin cheezon se toot ta hai aur aap alhamdullilah is par amal b karenge taki hmare roze jane anjane m kharab na ho aur allah ko bargah me qabool jaye. Aap is article ko zyada se zyada share taki sabhi ko pta chale ki Roza kin cheezon se toot ta hai. Ye sawab ka kaam hai. Ramadan 2021 muabrak Ameen!!

(बहारे शरीअत जिल्द अव्वल, क़ानूने शरीअत)

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